Friday, September 20, 2024
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कम पानी में अच्छे गेहूं की फसल की पैदावार

ब्यूरो – सुषमा ठाकुर

खेती ।  गेहूँ की पैदावार कम पानी में भी होती है। किसान भाई अब रबी की बोवानी की तैयारी करने में लगे हुए है। वह एक अच्छे उच्च क्वालिटी वाली गेहुँ की किस्म का चयन करते है जो कि अधिक पैदावार दे। सुजाता गेहुँ की किस्म अच्छी है जो कि कम पानी में भी अधिक पैदावार देती है।
सुजाता गेहूं किस्म की जानकारी
सुजाता गेहूं किस्म की खेती भारत देश में सबसे अधिक उत्पादन है। इसके कई मुख्य कारण हैं, जैसे सुजाता गेहूं का उत्पादन अच्छा है। खाने में स्वादिष्ट होने के कारण उद्योग-कारखानों, घरेलू बाजार में साल भर अच्छे दाम और मांग बनी रहती है।
सुजाता गेहूं किस्म की खेती बारानी भूमि में अधिक लंबाई और समय पर पकने की अवधि में उगते हैं। सुजाता गेहूँ के दाने आकार में बड़े, भारी और दिखने में सुनहरे होते हैं। इसके उत्पादन की बात करें तो भारत में सुजाता गेहूं का औसत 45 क्विंटल से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक प्रमाणित होता है।
सुजाता गेहूं की किस्म की खेती कैसे करें?
इस किस्म (सुजाता गेहूँ की खेती 2022) को मुख्य रूप से बारानी क्षेत्रों वाली मिट्टी में अच्छी उपज देने के लिए विकसित किया गया है। जिसे जैविक तरीकों से अच्छी तरह से उगाया जा सकता है, इस किस्म की खेती की लागत बहुत कम है, क्योंकि रसायन की बहुत कम आवश्यकता होती है।
सुजाता गेहूं किस्म की खेती अन्य गेहूं की खेती से बिल्कुल अलग है। अगर  इस खेती में रासायनिक उर्वरकों का उपयोग करते हैं, तो शायद  सुजाता गेहूं की कम उपज दिखाई देगी। इसके बजाय यदि  इस खेती के लिए जैविक खाद का उपयोग करते हैं, तो सुजाता गेहूं की उपज अधिक होगी।
किस तरह से बुवाई के लिए खेत तैयार करें?
खरीफ की फसल से खेत खाली होते ही (सुजाता गेहूं की किस्म की खेती ) इसके बाद मिट्टी पलटने वाले हल/कल्टीवेटर से 1-2 जुताई करनी चाहिए। खेत की तैयारी के समय फसल के पुराने कचरे/अवशेषों को हटा दें। अच्छी धूप के लिए खेत को कम से कम एक महीने तक खुला रखें। सुजाता गेहूँ की बुवाई से 10 दिन पहले सूखा और पका हुआ गोबर लगाकर जोताई कर लें। सुजाता बीज बोते समय इस बात का ध्यान रखना आवश्यक है कि खेत की मिट्टी में नमी हो।
यह वर्षा आधारित सिंचाई पर निर्भर गेहूं की किस्म है (सुजाता गेहूं किस्म की खेती ) लेकिन जरूरत के समय आप अच्छी फसल पाने के लिए 2-3 फसलों की सिंचाई कर सकते हैं। यदि आप समय पर सिंचाई करते हैं तो आपकी फसल खेत में अच्छी होगी। सुजाता गेहूँ की खेती से लहर उठेगी यदि आप 2 बार भी सिंचाई करते हैं तो आपको अच्छी उपज मिल सकती है और यदि आप 3 बार सिंचाई करते हैं तो आपकी उपज सबसे अच्छी होगी।

सुजाता गेहूँ की किस्म की खेती में जहाँ तक हो सके खेत की तैयारी के समय पका हुआ गोबर, जैविक खाद आदि का प्रयोग करना चाहिए। यदि आपके खेत की भूमि कम उपजाऊ है तो प्रति हेक्टेयर 2 बोरी डीएपी (करीब 5 बीघा) बुवाई से 4-5 दिन पहले दी जा सकती है।
फसल की पकने की अवधि

इसे पकने में लगभग 135 दिन से लेकर 140 दिन तक का समय लग सकता है।

सुजाता गेहूं की खेती की उपज

सुजाता गेहूं (सुजाता गेहूं किस्म की खेती ) की उपज 45 से 50 क्विंटल प्रति हेक्टेयर ली जाती है। बेहतर उपज किसान द्वारा फसल की देखभाल, नमी, सिंचाई पर निर्भर करती है

सुजाता गेहूं की नवीनतम दर/मूल्य

वर्तमान में सुजाता गेहूं (सुजाता गेहूं किस्म की खेती ) की दर 2500 रुपये प्रति क्विंटल से 3500 रुपये प्रति क्विंटल तक चल रही है। बीज बोने तक और बाजार में नई फसल के आने की प्रतीक्षा में किमतों में अच्छी वृद्धि है। सामान्य बाजार में साल भर भाव 2400 रुपये प्रति क्विंटल रहता है।

रिपोर्टर – अमर सिंह

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