ब्यूरो – सुषमा ठाकुर
नोएडा। नोएडा विकास प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारियों की तानाशाही चर्म सीमा को पार कर रही है। नोएडा विकास प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारियों के द्वारा कानून का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन किया जा रहा है। सरकार के द्वारा पटरी पर दुकान लगाने वाले दुकानदारों की समस्यायों के समाधान के लिए वैंडिग जोन योजना लागू की है, जिसके अन्तर्गत नोएडा विकास प्राधिकरण को पटरी के दुकानदारों की समस्यायों का समाधान करने के लिए एक टाऊन वैंडिग कमेटी का गठन करना था। जिसमें जिला प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन एवं पटरी के दुकानदारों का नेतृत्व करने वाले संगठनों के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाना था और कमेटी का गठन करके कमेटी की मदद से सभी पटरी के दुकानदारों का सर्वे कर उनको लाइसेंस दे कर दुकान उपलब्ध कराना था।
नियमानुसार जब तक पटरी के दुकानदारों का सर्वे कर उन्हें लाइसेंस दे कर उन्हें दुकानें उपलब्ध नहीं करायी जाती तब तक उनकी दुकानें नहीं हटाई जा सकती। परन्तु नौएडा विकास प्राधिकरण में बैठे अधिकारियों ने अभी तक टाऊन वैंडिग कमेटी का गठन नहीं किया है और कुछ निजी स्वार्थी लोगों के साथ सांठ – गांठ करके अपनी तानाशाही के बल पर पटरी के दुकानदारों की ठेली, खोखा उठा कर ले जाते हैं। जिससे पटरी के दुकानदार बेरोजगार हो रहे हैं। यही नहीं अब तो नोएडा विकास प्राधिकरण में बैठे अधिकारियों की तानाशाही इतनी बढ़ गई है कि पटरी के दुकानदार अपनी समस्याओं के समाधान के लिए अपना कोई शिकायती पत्र या कोई भी आवेदन पत्र लेकर नौएडा विकास प्राधिकरण में जाते है तो उसका शिकायती पत्र नहीं लिया जाता है। पटरी के दुकानदार नौएडा विकास प्राधिकरण के अधिकारियों को गन्दगी का ढेर लगने लगे हैं। नौएडा विकास प्राधिकरण में बैठे हुए अधिकारी मानव अधिकारों का हनन कर रहे हैं।
रविंद्र शाह जिला सचिव पटरी, खोखा, ठेली ने मीडिया के माध्यम से प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ से गुहार लगाई है कि नौएडा विकास प्राधिकरण में बैठे अधिकारियों की तानाशाही पर अंकुश लगाते हुए पटरी के दुकानदारों की समस्यायों के लिए बनाई गई वैंडिग जोन योजना के नियमों का पालन कराने एवं पटरी के दुकानदारों के शिकायती पत्र लेने से मना करने का फरमान जारी करने वाले अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त करने के निर्देश जारी करें। जिससे पटरी के दुकानदारों को न्याय मिल सके और वे अपनी दुकानें लगा कर अपने बच्चों का पालन-पोषण कर सके।